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ओडिशा सीएम ने चाईबासा में कहा, झारखण्ड में बहुत जल्द बनने वाली है भाजपा की डबल इंजन की सरकार

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Oct 1, 2024
  • 2 min read

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चाईबासा परिसदन में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चारण मांझी ने आत्मविशवास से लबरेज होकर कहा है की झारखण्ड में बहुत जल्द भाजपा के एनडीए की सरकार बनने वाली है और झारखण्ड के लोगों को हेमंत की झामुमो सरकार से मुक्ति मिलने वाली है. वे चाईबासा परिसदन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे. इस दौरान मौके पर भाजपा के उड़ीसा के विधायक वकील चंद्र नायक एवं जोलेन वहन्दा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुवर गागराई, दिनेशानंद गोस्वामी, जेबी तुबिद आदि मौजूद रहे. 


उन्होंने वर्तमान झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा कि झूठ बोल कर और जनता को धोखा देकर हेमंत सरकार पिछले 5 सालों से सत्ता पर बैठी हुई है. जो वायदे हेमंत सोरेन ने पिछले चुनाव में किए थे, उनमें से एक भी वायदे आजतक पुरे नहीं किए. झारखण्ड में जनता त्राहिमाम कर रही है. इसलिए हेमंत सरकार से छुटकारा दिलाने के लिए झारखंड में भाजपा के द्वारा परिवर्तन यात्रा निकाली गई है. परिवर्तन यात्रा से झारखण्ड की जनता जुड़ रही है. पिछले चुनाव में झूठ बोलकर जनता को धोखा देने वाली हेमंत सरकार को झारखण्ड की जनता अब चुनाव में सबक सिखाने वाली है. 


ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दावे के साथ कहा है की आने वाले दिनों में भाजपा की डबल इंजन की सरकार झारखंड में बनने जा रही है. उन्होंने ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने शपथ ग्रहण के 1 घंटे बाद ही कैबिनेट की बैठक बुलाकर विभिन्न जनहित योजनाओं को पारित किया. पिछले 24 सालों में नवीन पटनायक की सरकार ने जो विकास और जनहित कार्य नहीं किये वह काम हमने 100 दिनों के अंदर कर दिखाया है और जनता ओडिशा में आज खुशहाल नजर आ रही है.  


उन्होंने कहा की अब झारखण्ड में भी जब भाजपा की डबल इंजन की सरकार होगी तो यहाँ का भी विकास होगा. ओडिशा के सीएम ने यह भी बताया की उनका पड़ोसी राज्य झारखंड है. यहाँ पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला एवं पूर्वी सिंहभूम में करीब 40% उड़िया भाषा भाषी के लोग निवास करते हैं. उड़िया भाषा भाषी के उत्थान के लिए उड़िया पढ़ाने वाले शिक्षकों को उड़ीसा सरकार 3000 के बजाय अब 6000 रुपए का मानदेय देने जा रही है. लेकिन झारखण्ड सरकार ओड़िया भाषी लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है जो की दुर्भाग्य की बात है. झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनी तो उड़िया भाषा के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किये जायेंगे.

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