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रेल हादसों में ऐतिहासिक कमी: रेलवे सुरक्षा में आया बड़ा बदलाव

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • 4 days ago
  • 2 min read

देश में रेल सुरक्षा अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुकी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि भारतीय रेल ने दुर्घटनाओं की संख्या में अभूतपूर्व कमी हासिल की है। वर्ष 2025-26 (नवंबर तक) देश में केवल 11 ट्रेन हादसे दर्ज किए गए हैं, जबकि 2004-14 के दौरान कुल 1711 दुर्घटनाएं (औसतन 171 हर साल) होती थीं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि पिछले कुछ वर्षों में उठाए गए सुधारात्मक कदमों से करीब 93 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।


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नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, वर्ष 2025-26 (नवंबर तक) देश में केवल 11 ट्रेन हादसे हुए हैं, जबकि 2004-14 के दशक में कुल 1711 दुर्घटनाएं यानी हर साल औसतन 171 हादसे दर्ज किए जाते थे। यह दर्शाता है कि हाल के वर्षों में रेलवे ने दुर्घटनाओं में करीब 93 फीसदी की भारी गिरावट हासिल की है। मंत्री ने बताया कि ट्रैक मेंटेनेंस, आधुनिक तकनीक, ऑटोमेटिक सिस्टम और निगरानी तंत्र को मजबूत करने से यह बदलाव संभव हुआ है।


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उन्होंने बताया कि 2014-15 में जहां 135 दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं, वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर केवल 31 रह गई। रेलवे का दावा है कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की नीति अब प्रभावी परिणाम दे रही है। किसी भी असामान्य घटना की विस्तृत जांच की जाती है और non-technical संदिग्ध मामलों में राज्य पुलिस के साथ-साथ सीबीआई और एनआईए की सहायता भी ली जाती है।


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सदन को जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ट्रैक, पुलों व सुरंगों जैसे बुनियादी ढांचे की सुरक्षा संवैधानिक रूप से राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। हाल के वर्षों में ट्रैक से छेड़छाड़ की घटनाओं में राज्य पुलिस व जीआरपी द्वारा समय पर कार्रवाई की गई और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।


रेल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने बजट में भी बड़ी बढ़ोतरी की है। सुरक्षा बजट 2013-14 के 39,463 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष में 1,16,470 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह निवेश रेलवे सुरक्षा को और अधिक मज़बूत आधार प्रदान करेगा।

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