SIR को लेकर झारखंड में भी जुबानी जंग शुरू, भाजपा-झामुमो-कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा ? पढ़िए इस रिपोर्ट में
- Jay Kumar
- Aug 1
- 3 min read

रांची डेस्क
रांची ( RANCHI) : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन के बाहर SIR का मुद्दा छाया रहा. सदन के बाहर भाजपा,झामुमो और कांग्रेस नेताओं के बीच जबरदस्त जुबानी जंग सुनने को मिला. भाजपा के नेताओं ने SIR को लेकर केंद्र चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन किया, वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने SIR का जमकर विरोध किया. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 4 अगस्त को सदन के अंदर और बाहर इसका विरोध करने का फैसला किया है और चेतावनी दी है कि किसी भी हाल में SIR लागू नहीं होने दिया जाएगा.
बांग्लादेशी और रोहंगिया वोटरों के लिये SIR का विरोध – नवीन
भाजपा के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा कि दरअसल, कांग्रेस अपने बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहंगिया मुसलमान वोटरों के लिए SIR का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में SIR के बाद भी चुनाव आयोग ने एक महीने का समय दिया है कि जिनका नाम छूट गया है वह अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं.
मतदाता सूची का पुनरीक्षण जरूरी – चंपई
भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने SIR को सही बताते हुए कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण होना ही चाहिए. हूल दिवस पर भोगनाडीह की घटना और उसके बाद उनकी चुप्पी को लेकर पूछे गए सवाल पर चंपाई सोरेन ने कहा कि कभी-कभी चुप्पी के भी बड़े मायने होते हैं. उन्होंने कहा कि एक बार वह संथाल गए और सरकार हिल गयी. चंपाई सोरेन ने कहा कि सत्र को लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक में आज रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलने का सरकार का फैसला सही नहीं है,
एसआईआर का विरोध बेमानी और बेतुका - सरयू राय
जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि एसआईआर का विरोध बेईमानी और बेतुका है क्योंकि चुनाव आयोग के पास पर्याप्त अधिकार हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार चुनाव आयोग को इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकती, चाहे वह लोकसभा हो, राज्यसभा हो या विधानसभा. आयोग अच्छा काम कर रहा है.
हर जगह आधार मान्य है तो फिर SIR में क्यों नहीं – राजेश
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने कहा कि भाजपा बिहार में अपनी निश्चित हार को टालने के लिए SIR कर रही है. राजेश कच्छप ने कहा कि जब हर जगह आधार मान्य है तो फिर SIR में क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि भाजपा डेमोग्राफी चेंज की बात करती है, अगर SIR हुआ तो भाजपा के पूर्व मंत्री और विधायक सीपी सिंह रांची सीट ही गंवा देंगे.
मुस्लिम, आदिवासी,दलितों का नाम हटाने की साजिश – इरफान
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि एसआईआर के जरिए मुस्लिम, आदिवासी और दलितों का नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश रची गई है, जिसे किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार हमारा है और जो साजिश रची गई है, उसमें भाजपा जानती है कि मुस्लिम, आदिवासी और दलित उसका वोट बैंक नहीं हैं, इसलिए उन्हें मतदाता सूची से हटाने का काम किया जा रहा है, जिसे नहीं होने दिया जाएगा और हम सदन के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेंगे.
विपक्ष से इनपुट लेना चाहिए – दीपिका
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे ने भी बिहार में चल रहे एसआईआर का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार जो भी प्रयास कर रही है, उसमें विपक्ष से भी कुछ इनपुट जरूर लेना चाहिए. बिहार में एसआईआर लाकर वोटों को रोकने की कोशिश की जा रही है, हम इसे कामयाब नहीं होने देंगे.









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