top of page

कांग्रेस को खुली चुनौती : पिछड़ों के हितैषी हैं तो राज्य में 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा करें – आदित्य साहू

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Aug 2
  • 2 min read
ree

 

 

 रांची ( RANCHI ) : ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कांग्रेस को खुली चुनौती देते कहा है कि कांग्रेस पार्टी को अगर पिछड़ों की चिंता और इसके हितैषी हैं, तो राज्य में होने वाले नगर  निकाय चुनाव में पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिलाना सुनिश्चित करे. केवल  बयानबाजी से पिछड़े समाज का कल्याण नहीं होगा. उसे धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी भी राज्य सरकार की है. भाजपा सांसद कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी फिर से पिछड़ा समाज का हितैषी बनने का दिखावा कर रही है. जबकि कांग्रेस पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा पिछड़ा विरोधी है. पिछड़ों का विरोध कांग्रेस पार्टी के डीएनए में शामिल है.

 कांग्रेस में पिछड़े नेताओं का होता है अपमान, भाजपा में मिलता है सम्मान  

भाजपा सांसद ने कहा कि ये वही कांग्रेस पार्टी है जिसने पिछड़ा वर्ग आयोग को कभी भी संवैधानिक दर्जा नहीं दिया. मंडल कमीशन की रिपोर्ट को वर्षों तक ठंडे बस्ते में डाल दिया. जिसे वीपी सिंह की सरकार ने लागू किया. उन्होंने कहा कि एक परिवार को महिमा मंडित करने में अनेक विद्वान और जनाधार वाले पिछड़े नेताओं को कांग्रेस पार्टी ने बार बार अपमानित किया. जबकि भाजपा सरकार पिछड़ों के कल्याण के लिए हमेशा समर्पित रही है. आज 11 वर्षों से पिछड़ा समाज से आने वाले  गरीब का बेटा भारत का लोकप्रिय प्रधानमंत्री है. उनके कैबिनेट में दर्जनों मंत्री पिछड़े समाज से हैं. पिछड़ा  वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मोदी सरकार ने ही दिया.

राज्य में आज तक ट्रिपल टेस्ट की प्रकिया नहीं हुई पूरी

राज्यसभा सांसद ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी पिछड़ों की हितैषी  बनने का नाटक कर रही जबकि कांग्रेस समर्थित हेमंत सरकार में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया बिना पिछड़ा समाज के आरक्षण के संपन्न हुए. सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तो पिछड़ों के आरक्षण को मुस्लिम समाज के लिए आरक्षित कर रही है और झारखंड में पिछड़ों के हित की बात कर रही. यह तो साफ तौर पर उसकी नियत को दिखाता है. भाजपा नेता ने कहा कि आज तक राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जो आरक्षण के प्रतिशत को बढ़ाने केलिए पहली संवैधानिक जरूरत है.

Comments


bottom of page