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आदिवासी दिवस : 40 आदिवासी समुदायों के 20 हजार लोग पारंपरिक वेशभूषा में जुटेंगे एक मंच पर, रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे आदिवासी कलाकर  

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Jul 26
  • 2 min read
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चाईबासा ( CHAIBASA) :  विश्व आदिवासी दिवस समारोह 9 अगस्त को सिंहभूम स्पोर्टस एसोसिएशन मैदान चाईबासा में पश्चिमी सिंहभूम जिले सहित अन्य जिलों के 20 हजार से अधिक आदिवासी जुटेंगे. इस दिवस को आदिवासी समारोह पूर्वक मनाने के लिए हो, मुंडा, संथाल, उरांव, लोहरा, भूमिज, विरहोर, मानकी-मुंडा संघ सहित अन्य सभी आदिवासी समुदाय के साथ जिले के 40 से अधिक आदिवासी समाज के विभिन्न समाजिक संगठनों संयुक्त तत्ववाधान में एक मंच पर होगें. वर्ष 2025 के सिंहभूम स्पोर्टस एसोसिएशन मैदान चाईबासा में संयुक्त आयोजन के लिए सर्व सम्मति से आदिवासी हो समाज युवा महासभा के अध्यक्ष इपील सामड को आयोजन समिति का भी अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, मुख्य संयोजक मानकी के केन्द्रीय अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुवा, उपाध्यक्ष आदिवासी उरांव समाज संघ के लालू कुजूर, सचिव आदिवासी हो समाज युवा महासभा के रवि बिरूली और कोल्हान यंगस्टर यूनिटि के संजय लागुरी को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. 

शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस आयोजन समिति की संयुक्त बैठक सिंहभूम स्पोर्टस एसोसिएशन मैदान चाईबासा में हुई. बैठक में कार्यक्रम के सफल आयोजन के आवंटित कार्य एवं वर्त्तमान स्थिति

पर चर्चा किया गया. साथ ही इस दौरान कई महत्वपूर्ण और नई निर्णय भी लिया गया.

 झारखंड-उडीसा के लोक कलाकार प्रस्तुत करेंगे रंगारंग कार्यक्रम

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष रांची के प्रसिद्व नागपुरी गायकों नितेश कच्छप, पंकज रॉय, एग्नेश तिर्की चिंता देवी के अलावे स्थानीय जनजाति कलाकार एवं गायक भी कार्यक्रम में समा बंधेगें. जनजाति कलाकारों में ओडिसा की श्रुतिरेखा बानरा, कुशिमता सिददु, आशा मुर्मू, सरोजनी, पंजाबी सिरका, तारूण, मंगल, श्याम, विशाल सहित कई अन्य जनजाति कलाकार भी जनजाति ऑॅरकेस्ट्रा प्रस्तुत करेगें. वहीं कार्यक्रम में सभी आदिवासी समुदाय से सांस्कृतिक लोक गीत एवं नृत्य भी प्रस्तुत किया जाएगा. साथ ही कार्यक्रम स्थल पर पुरानी पंरपारिक धरोवरो की स्टॉल सहित 100 स्टॉल विभिन्न प्रकार के लगाए जाएगें. इस दौरान समाज में खेल, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण, कला, समाजिक, स्वास्थ्य, पशुपालन, सांस्कृतिक, अन्य पर उत्कृष्ट कार्य किए लोगों एवं नव चयनित झारखंड लोक सेवा आयोग के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया जाएगा. कार्यक्रम में समाज के अगुवाओं एवं युवा-युवतियों द्वारा विभिन्न विषय वस्तु पर अपनी विचार भी रखे जाएगें. ताकि आदिवासी समाज हमेशा एक सूत्र में बंधा रह सके. वहीं, अपनी पारंपरा एवं सांस्कृतिक को बनाए और बचाए रखने हेतु सभी को अपनी परंपारिक वेशभूषा में कार्यक्रम स्थल पर आने का निवेदन किया गया है. कार्यक्रम के लिए पूरे शहर सरना झंडा लगाया जाएगा. कार्यक्रम को सफल और ऐतिहासिक बनाने के लिए जिले सहित अन्य जगहों में कार्य कर रहे आदिवासी पदाधिकारी एवं अन्य लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है.

वहीं जिले के विभिन्न कपनियों के कार्यरत कर्मियों को कार्यक्रम के दिन आने के लिए छुट्टी की निवेदन आयोजन समिति की ओर से किया गया है. जो कार्यक्रम में सशरीर उपस्थित नहीं हो पाएगें उनके लिए पूरे कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट की भी व्यवस्था की गयी है. बैठक में अध्यक्ष ने जानकारी दिया कि कार्यक्रम में भाग लेने और अधिक जानकारी के लिए आयोजन समिति के अध्यक्ष इपील सामड(7903608112) और सचिव रवि बिरूली (9546956497)से संपर्क करें. बैठक में सभी हो, मुंडा, संथाल, उरांव, लोहरा, भूमिज, विरहोर समाज, मानकी-मुंडा संघ, यंगस्टर यूनिटि, टाटा कॉलेज छात्र संघ सहित विभिन्न आदिवासी संगठनों पदाधिकारी संचू तिर्की, करम सिंह मुंडा, नवल कच्छप, अंजू सामड,मंजीत हंसदा, राजकमल लकडा, सुरेश चंद्र तियू, जगजीवन देवगम,शेरसिंह बिरूवा,शितल बागे, बालूलाल बरहा,वीरसिंह बालमुचू, अमर सिंह पाट पिंगुवा,विष्ण मिंज,रोहित लकड़ा, सौरव मिंज,विजय बाड़ा,सुभाष कच्छप सहित काफी संख्या में आदिवासी युवक-युवति शामिल थे.

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