सनसनीखेज खुलासा : डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सरगना सहित 5 गिरफ्तार, कैसे भेजा जाता है अमेरिका, जानिए पीडित युवक से
- Jay Kumar
- Aug 2
- 3 min read

रांची डेस्क
हजारीबाग ( HAZARIBAGH) : हजारीबाग पुलिस ने डंकी रूट से झारखंड के युवकों को अमेरिका भेजने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है. जिले के कई युवकों के डंकी रूट से अमेरिका जाने की पुलिस को जानकारी मिली है, इस गिरोह के मुख्य सरगना अमेरिका निवासी उदय कुमार कुशवाहा सहित पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनके पास से कई मोबाइल, वाट्सएप चैट, बैंक के ट्रांसजेक्शन की रसीद व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं.

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवक ने किया खुलासा
आपको याद होगा कि इसी साल मार्च में बड़ी संख्या में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को हछकड़ी में जकड़ कर भारता भेजा गया था, उसी में हजारीबाग जिला के टाटीझरिया के भराजो गांव का एक युवक सोनू कुमार भी शामिल था. अमेरिका से लौटने के बाद सोनू ने पिछले 30 जुलाई को डंकी रूट की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद जिले के एसपी ने एक टीम गठित कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है.
हजारीबाग जिला के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के भराजो गांव निवासी सोनू कुमार द्वारा 30 जुलाई 2025 को एक सनसनीखेज शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें यह बताया गया कि गांव के ही निवासी उदय कुमार कुशवाहा (जो पिछले 45 वर्षों से अमेरिका में रहकर व्यवसाय कर रहे हैं) ने उन्हें अमेरिका में नौकरी दिलाने का झांसा देकर, फर्जी दस्तावेजों और मानव तस्करी के डंकी रूट के माध्यम से वर्ष 2024 में ब्राजील के लिए रवाना किया.
जमीन बेच कर दिया 45 लाख, 50 दिन तक रहा माफिया के कब्जे में
सोनू के अनुसार, गिरोह का सरगना उदय कुमार ने उसके साथ विकास कुमार और पिंटू कुमार को दिल्ली से ब्राजील भेजा. ब्राजील पहुंचने पर इन तीनों को अंतरराष्ट्रीय डंकी माफिया के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने उन्हें छिपाकर रोड और नदी मार्ग से बोलिविया, पेरू, एक्वाडोर , कोलम्बिया, पनामा, कोस्टारिका, होलदूरास, ग्वाटेमाला होते हुए अमेरिका पहुंचाने की कोशिश की.
इस दौरान तीनों को 50 दिन तक माफिया के कब्जे में रखा गया. उदय कुमार ने सोनू के पिता को अमेरिका से कॉल कर और पैसे की मांग की. विवश होकर वादी के पिता ने अपनी पैतृक जमीन बेचकर लगभग ₹45 लाख की राशि उदय कुमार के रिश्तेदारों को अलग-अलग माध्यम से दी. तीनों युवकों को मेक्सिको सिटी होते हुए सैनडियागो भेजा गया, लेकिन अमेरिकी बॉर्डर पर उसे पकड़कर डिटेंशन सेंटर में डाल दिया गया, जहां वह लगभग चार महीने तक रहा. मार्च 2025 में उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया. घर लौटने के बाद जब वादी ने अपनी रकम की मांग की, तो उदय कुमार और उनके भाई चोहान प्रसाद द्वारा गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी दी गई. डर के कारण वादी ने थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई. जिस पर टाटीझरिया थाना कांड संख्या 32/25 दिनांक-31/07/2025 धारा-338/336(2)/340(2)/61(2)(a)/318(2)/143(2)/126(2)/115(2)/351(2) BNS के तहत प्राथमिकी दर्ज कर वरीय अधिकारियों को सूचित किया गया.
एसपी के निर्देश पर पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर विष्णुगढ़ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में विशेष छापामारी दल का गठन किया गया. अनुसंधान एवं छापेमारी के क्रम में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें मुख्य अभियुक्त व अमेरिका निवासी उदय कुमार कुशवाहा, टाटीझरिया के दर्शन प्रसाद, लालमोहन प्रसाद, चोहान प्रसाद, मेरू निवासी शंकर प्रसाद शामिल हैं.
उदय कुमार के पास से सैमसंग मोबाइल, जिसमें पीड़ित और उसके पिता से वाट्सएप चैट की छायाप्रति, उसकी पत्नी के नाम से एक्सिस एवं एसबीआई बैंक डिपॉजिट पर्ची, नोटबुक जिसमें डंकी रूट से भेजे गए लोगों की सूची और उनसे वसूली गई रकम का विवरण शामिल है. दर्शन प्रसाद के पास से एक रेडिमी मोबाइल भी बरामद किया गया है, जिसमें ट्रांजैक्शन स्क्रीनशॉट है. लालमोहन प्रसाद के पास से एक वीवो कंपनी का मोबाइल फोन तथा उसमें उदय कुशवाहा के साथ लेनदेन का व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट भी मिला है.शंकर प्रसाद के पास से मोटोरोला मोबाइल, जिसमें उदय से लेन-देन से जुड़े वाट्सएप चैट मिला है.
डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले 12 लोगों के नाम आएं सामने
डंकी रूट से अब तक 12 लोगों को अमेरिका भेजा गया है, जिसमें दिगंबर कुशवाहा (2018), राजकुमार कुशवाहा (2013), नंदू कुमार (2022), पप्पू कुमार (2022), चन्दन कुमार (2022), शंभू दयाल (2022),पृथ्वी राज कुशवाहा उर्फ सोनू (2022), संजय वर्मा (2022), सुमन सौरभ प्रसाद (2022), प्रवीण कुमार (2022), अरुण कुमार कुशवाहा (2019), धीरज कुमार (2019) के नाम सामने आए हैं.









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