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स्वर्ण पदक सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक : राष्ट्रपति

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Aug 1
  • 2 min read
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रांची डेस्क  

धनबाद ( DHANBAD) :  अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनबाद के आईआईटी आईएसएम के 45 वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को विभिन्न संकायों के उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक और डिग्रियां प्रदान कीं. मंच पर जब राष्ट्रपति ने मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह में कुल 1880 छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में डिग्री प्रदान की गई, जबकि उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन के लिए 94 विद्यार्थियों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल से नवाजा गया.

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आईआईटी-आईएसएम की 100 वर्षों की गौरवशाली विरासत की सराहना 

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आईआईटी-आईएसएम की 100 वर्षों की गौरवशाली विरासत की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह संस्थान खनन और भूविज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित हुआ था. समय के साथ इसने अपने शैक्षिक दायरे को विस्तृत कर उच्च शिक्षा और अनुसंधान का अग्रणी केंद्र बन गया है. उन्होंने संस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन की जमकर सराहना की और देश के तकनीकी विकास में आईआईटी आईएसएम के योगदान को महत्वपूर्ण बताया. 

अपने ज्ञान को व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित ना रखें

राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि अपने ज्ञान को व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित न रखें, बल्कि इसे जनहित और राष्ट्र निर्माण के लिए उपयोग करें. ग्रीन इंडिया के निर्माण में योगदान दें, जहां विकास प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर हो. उन्होंने जोर दिया कि नवाचार केवल बुद्धिमत्ता से नहीं, बल्कि सहानुभूति और नैतिकता से प्रेरित होना चाहिए.राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि स्वर्ण पदक सिर्फ एक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक भी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल तकनीकी दक्षता तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसका उद्देश्य संवेदनशील और नैतिक व्यक्तित्व का निर्माण भी होना चाहिए.

इस अवसर पर राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, आईआईटी आईएसएम के निदेशक, संकाय सदस्य, सांसद ढुल्लू महतो धनबाद विधायक राज सिन्हा झरिया विधायक रागिनी सिंह बीसीसीएल सीएमडी समीरण दत्ता उद्योग जगत के विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक उपस्थित रहे. समारोह की शुरुआत मंत्र उच्चारण और राष्ट्रीय गान के साथ शुरू हुआ, जिससे पूरा माहौल उत्साह और गर्व से भर गया.

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