भाजपा-आजसू का सरकार पर हमला : बदहाल स्वास्थ्य सेवा को छुपाने के लिए नामकरण की राजनीति
- Jay Kumar
- Jul 25
- 3 min read

रांची डेस्क
रांची ( RANCHI ) : भाजपा सरकार में शुरू किया गया अटल मोहल्ला क्लिनिक के नाम को हेमंत सरकार ने बदल कर मदर टेरेसा हेल्थ क्लिनिक रखने को लेकर राज्य में सियासी घमासान मच गया है. भाजपा और आजसू दोनों ने हेमंत सरकार पर जमकर हमला बोला है और इसे सरकार द्वारा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान बताया है.
अटल जी किसी पहचान के मोहताज नहीं – बाबूलाल मरांडी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. श्री मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह पूछा है कि इसे कृतघ्नता कहा जाए या नैतिक पतन, कि राज्य सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक के नाम से अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम हटाने का निर्णय लिया है? मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में वाजपेयी जी का योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है. 1999 में अटल जी ने झारखंड की धरती से जनता से वादा किया था कि यदि केंद्र में उनकी सरकार बनी, तो झारखंड के लोगों को एक अलग राज्य का उपहार दिया जाएगा और जैसे ही उनकी सरकार बनी, उन्होंने अपना यह वादा निभाया.
मदर टेरेसा के नाम से कोई नई योजना लाती सरकार
मरांडी ने कहा कि यदि सरकार को वास्तव में मदर टेरेसा का सम्मान करना था, तो उनके नाम पर कोई नई योजना लाती, ऐसी योजना जो मरीज़ों को सहारा और सेवा प्रदान करती, जो स्वयं मदर टेरेसा के जीवन का उद्देश्य था। किन्तु ऐसा न कर सरकार ने यहाँ भी केवल राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया है. मरांडी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी बदहाल है कि गर्भवती महिलाओं को एम्बुलेंस न मिलने के कारण रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ रहा है. वृद्ध महिलाओं को खाट पर अस्पताल ले जाया जा रहा है, और शवों को ले जाने तक के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है.परन्तु इन बुनियादी समस्याओं को दूर करने के बजाय, सरकार नाम बदलने में व्यस्त है.
स्वास्थ्य सेवा की बदहाली को नामकरण की राजनीति से ढंकने का प्रयास – आजसू
एनडीए की सहयोगी पार्टी आजसू ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि झारखंड में मरीज खाट पर ढोए जा रहे हैं और हेमंत सरकार स्वास्थ्य सेवा की बदहाली को नामकरण की राजनीति से ढंकने में जुटी है. अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने पर झारखंड निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी और नोबल पुरस्कार प्राप्त मदर टेरेसा दोनों महान हस्तियों का अपमान हुआ है.

खाट पर ढोए जा रहे मरीज और सरकार क्लिनिक - प्रवीण प्रभाकर
श्री प्रभाकर ने कहा कि कांग्रेस–झामुमो झारखंड आंदोलन की सौदेबाजी करते रहे, जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आजसू से वार्ता कर अलग राज्य का गठन किया और वनांचल की बजाय झारखंड नामकरण किया. उनका अपमान करना ठीक नहीं. श्री प्रभाकर ने कहा कि विगत दिनों साहिबगंज में पहाड़िया जनजाति की युवती को खाट पर 10 किमी अस्पताल लाया गया, जिसकी बेहतर इलाज के अभाव में मौत हो गई. एंबुलेंस नहीं मिलने पर खाट पर ही शव को वापस ले जाना पड़ा. श्री प्रभाकर ने कहा कि क्लीनिक का नाम बदलने की बजाय राज्य सरकार स्वास्थ्य से संबंधित बुनियादी ढांचा विकसित करने और चिकित्सकों की नियुक्ति पर ध्यान दे तो राज्य की गरीब जनता का भला होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में चिकित्सकों की पहले से ही भारी कमी है. वर्तमान में सरकारी चिकित्सकों के लगभग 55 प्रतिशत पद रिक्त हैं। इसका असर स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा है. झारखंड में सरकारी चिकित्सकों के 3,691 पद स्वीकृत हैं. इसमें से 2,028 पद खाली पड़े हैं.









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