एम्स दीक्षांत समारोह : डायग्नोसिस-सर्जरी में क्लीनिकल और व्यवहार में सिंपेथेटिक रहिए : राष्ट्रपति
- Jay Kumar
- Jul 31
- 3 min read

देवघर ( DEOGHAR ) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरूवार को देवघर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुई. देवभूमि देवघर पहुंचने पर आनंदित राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान शंकर की कृपा से सावन माह में देवघर आने का मौका मिला. शिव और शक्ति के आशीर्वाद से सिंचित इस धरती को नमन करती हूं. देवघर एम्स के साथ मेरी विशेष स्मृति जुड़ी हुई हैं.
2019 बैच के डॉक्टरों को सम्मानित किया
राष्ट्रपति ने मुख्य अतिथि के रूप में 2019 बैच के विद्यार्थियों को उपाधि और पदक देक सम्मानित किया. राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि वे एक महान मेडिकल ट्रेडिशन के ध्वजवाहक बनेंगे. उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि संस्थान में बेटियों की संख्या छात्रों की तुलना में करीब करीब बराबर हो गई है. राष्ट्रपति ने डॉ. अस्मित अग्रवाल को स्वर्ण पदक से नवाजा, रजत पदक के विजेता रहे डॉ. तनिष्क कुमार रहे, जबकि कांस्य पदक की विजेता डॉ. हर्षवीन कौर रहीं. इसके अलावा डॉ. ऋचा जयसवाल को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में सर्वाधिक अटेंडेस के लिए सम्मानित किया गया. इस मौके पर डॉ. अंजनी कुमारी, डॉ. गौतम शंकर, डॉ. सुमिता सिन्हा, डॉ. शिक्षा सिंह और डॉ. ओम शंकर को डिग्री प्रदान की गई.
कुशल नहीं, अच्छा डॉक्टर बनना आपका उद्देश्य होना चाहिए
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से कहा कि एम्स में प्रवेश पाना और यहां शिक्षा प्राप्त करना इस बात की गारंटी माना जाता है कि आप एक कुशल डॉक्टर बन गए हैं. आपको एक कुशल डॉक्टर के साथ-साथ एक अच्छा डॉक्टर भी बनना है. एक अच्छा डॉक्टर को शार्प क्लिनिकल सेंस के साथ साथ सेंसिटिव कम्यूनिकेशन की क्षमता भी होनी चाहिए. हम सबने देखा है कि कुछ डॉक्टर ऐसे होते हैं, जिनसे परामर्श के बाद मरीज और उनके परिवारजन बेहतर महसूस करते हैं. आप डायग्नोसिस या सर्जरी में पूरी तरह क्लीनिकल रहिए, लेकिन अपने व्यवहार में क्लीनिकल मत रहिए. अपने व्यवहार में सिंपेथेटिक रहिए. भगवान ने आपको जनसेवा के लिए भेजा है.

राज्यपाल और सीएम ने किया स्वागत
पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के देवघर पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर आदिवासी परंपरा के साथ उनका स्वागत किया गया. सबसे पहले राज्य के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने पुष्पगुच्छ देकर उन्हें सम्मानित किया. उसके बाद देवघर के डीसी एसपी ने भी राष्ट्रपति का स्वागत किया. देवघर के बाद राष्ट्रपति सीधे हवाई मार्ग से राजधानी पहुंची, उनका बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन स्वागत एवं अभिनंदन किया. राष्ट्रपति रात्रि विश्राम राजभवन में ही करेंगी और कल उनका धनबाद में कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस दिल्ली लौट जाएंगी.

शिलांयास के समय में गवर्नर थी
राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स देवघर के साथ मेरी विशेष स्मृति जुड़ी हुई हैं. 25 मई 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सिंदरी से इस संस्थान का शिलान्यास किया गया था. तब झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थी. आज इस संस्थान के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होने का अवसर मिला है. इस तरह एम्स देवघर की विकास यात्रा में मेरा विशेष संबंध बन गया है. आज से इस संस्थान में कल्चर ऑफ एक्सिलेंस का शुभारंभ हो रहा है. पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या अधिक थी. इससे मुझे बेहद प्रसन्नता हुई है.
जरूरतमंद लोगों के जीवन में उजाला भरें – राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि एक अच्छा डॉक्टर होना बहुत बड़ी बात होती है, लेकिन एक अच्छा इंसान होना उससे भी बड़ी बात होती है. नैतिकता, करुणा और परोपकार की भावना के साथ अनगिनत लोगों के जीवन में उजाला कर सकते हैं. आप समाज निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा सकते हैं. आपके इस संस्थान की भूमिका टर्सियरी हेल्थ केयर के क्षेत्र में है, लेकिन मैं चाहती हूं कि आप प्राइमरी हेल्थ केयर के क्षेत्र में भी गाइडेंस दें. मैं इस बात के लिए धन्यवाद देती हूं कि इस संस्थान में पांच ट्राइबल विलेज को गोद लिया है. मैं चाहूंगी की गांवों को अडोप्ट करने के दायरे को बढ़ाना चाहिए. जब मैं झारखंड की राज्यपाल थी तब मैं कई गांवों में जाया करती थी. कम उम्र में बच्चियों की शादी होने और मां बनने से उनमें खून की कमी हो जाती है. आपके सुझाव से ग्रामीण व्यवस्था की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होगा.
दीक्षांत समारोह में मंच पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, एम्स, देवघर के प्रेसिडेंट डॉ एन.के.अरोड़ा, एम्स के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ प्रो. सौरभ वार्षणेय उपस्थित थे.









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