top of page

एक हफ्ते बाद मादा हाथी अपने लापता शिशु हाथी की खोज में पहुंची बंडामुंडा, शिशु हाथी के नहीं मिलने पर चिंघाड़ मार रोने लगी   

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Oct 22, 2024
  • 2 min read

ree

बंडामुंडा (BONDAMUNDA), ओडिशा: हाथियों को उनके वफादारी और भावनाओं के मार्मिक प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. लेकिन एक मादा हाथी अपने बच्चों की तलाश में जब चिंघाड़ मारकर विलाप करने लगी तो आसपास के ग्रामीण भी रोने लग गए. विलाप करने की यह कहानी केवल यह दर्शाती है कि ये जानवर कितनी गहराई से संवेदनाओं को महसूस कर सकते हैं. व्यक्तिगत रूप से भी और एक समूह रूप से भी.


ree

नजारा रेलनगरी बंडामुंडा के आर केबिन का है. इस महीने के 14 तारीख की रात आर केबिन में ट्रेन की चपेट में आने से एक शिशु हाथी की मौत हो गई. इस दौरान दो अन्य हाथी घायल भी हो गए. घायलों में से एक शिशु हाथी को बेहतर इलाज के लिए वन विभाग के द्वारा ओड़िशा के नंदन कानन भेज दिया गया है. घटना के ठीक एक हफ्ते बाद हाथियों का वही झुंड रविवार रात करीब 9 बजे उसी जगह पर पहुंच गया जंहा मृतक शिशु हाथी को दफनाया गया है.


ree

यहां पहुंच कर हाथियों का झुंड शिशु हाथी के कब्र के चारों ओर इकट्ठा हो गए. लगभग सात घंटे तक हाथियों का झुण्ड यहाँ शोक मनाते रहे. इस दौरान एक मादा हाथी इतने जोर जोर से रो रही थी कि उसकी चिंघाड़ नजदीक के ग्रामीणों को भी सुनाई दे रही थी. उस मादा हाथी के रोने से लोगो को इस बात का तो अनुमान हो गया कि मृतक शिशु हाथी की मां वही है. जंगली हाथी के कारण भले ही ग्रामीण पिछले कुछ दिनो से काफी परेशान हैं लेकिन उस मादा हाथी के रोने के आवाज ने सभी ग्रामीणों को भावुक बना दिया। एक जानवर का अपने बच्चे के प्रति यह प्यार और संवेदना के साथ अपनापन देख लोगों के आंखों से आंसू छलक गए. 

Comments


bottom of page