महिलाओं का विकास एक सोशल इंडिकेटर ही नहीं , बल्कि देश के आर्थिक विकास का भी दर्पण है – मंत्री
- Jay Kumar
- Jul 23
- 3 min read

रांची डेस्क
रांची ( RANCHI ) : भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड सोसाईटी (जेएसएलपीएस) के संयुक्त तत्वावधान रांची में एक दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजिन किया गया. जिसमें संगठन,स्वास्थ्य,समृद्धि,खाद्य, पोषण,स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर महिला समूहों की सहभागिता विषय पर चर्चा की गई. महिला समूहों को संबोधित करते हुए राज्य ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि महिलाओं का स्वास्थ्य केवल एक सामाजिक संकेतक (सोशल इंडिकेटर ) नहीं बल्कि देश के आर्थिक विकास का भी दर्पण है. झारखंड सरकार मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना जैसे योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ठोस कदम उठा रही है. इन योजनाओं को सखी मण्डल के माध्यम से जमीनी स्तर तक पहुँचाया जा रहा है. हेल्थ, पोषण के साथ-साथ अब मेंटल वेल-बीइंग पर भी फोकस करना समय की ज़रूरत है. एक स्वस्थ नागरिक ही शिक्षित,सशक्त और आत्मनिर्भर समाज की नींव रख सकता है. सेतु दीदियाँ और सखी मंडल की महिलाएँ अब न केवल स्वयं जागरूक हो रही हैं बल्कि अपने समुदाय को भी संगठित और सशक्त कर रही हैं. यह परिवर्तन अब गाँव.गाँव तक पहुँच रहा है और यही झारखंड की वास्तविक ताक़त है. यह कार्यशाला हमारा संकल्प हर गांव स्वस्थ, हर महिला सक्षम, हर घर समृद्ध होना है.

महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण विकसित समाज की नींव – के. श्रीनिवासन
ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन ने कहा कि महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण ही स्वस्थ समृद्ध और विकसित समाज की नींव है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मंईयां सम्मान योजना, पीवीटीजी परिवारों तक राशन पहुँचाने के उद्देश्य से संचालित डाकिया योजना ,फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के माध्यम से महिलायें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से समृद्ध हो रही हैं. विभागीय सचिव श्रीनिवासन ने बताया कि फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत अब तक 36000 महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण के माध्यम से लाभान्वित किया गया है. उन्होंने कहा कि जोहार परियोजना का दूसरा चरण जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा, जिस पर कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला केवल चर्चा का मंच नहीं बल्कि एक प्रेरणादायक कार्य योजना का प्रारूप है जिसे हम धरातल पर लागू करने का प्रयास करेंगे. छोटे-छोटे प्रयास ही बड़े सामाजिक बदलावों की नींव रखते हैं.
खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड ने अत्यंत सराहनीय कार्य – संयुक्त सचिव
ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्मृति शरण, ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आपसी सीख को साझा कर, उसे सूचीबद्ध करना और आगे की रूपरेखा तैयार करने में मदद करना है. उन्होंने बताया कि खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड ने अत्यंत सराहनीय कार्य किया है. कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान 14 जिलों के जमीनी प्रयासों का अवलोकन किया और उससे महत्वपूर्ण सीख लिया ,जिसे वे अपने-अपने राज्यों में लागू कर सकेंगे. उन्होंने आगे कहा कि आगामी वर्ष में रूरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम की शुरुआत होने जा रही है. जिसमें एफएनएच एक महत्वपूर्ण घटक होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों में ‘इमर्सिबल साइट्स ‘विकसित की जाएं संसाधनों और मॉडलों को और अधिक सशक्त किया जाए तथा कार्यों की ग्रेडिंग प्रणाली पर भी गंभीरता से कार्य किया जाए.
14 राज्यों की स्टॉल लगाए गए
कार्यशाला स्थल पर 14 राज्यों राजस्थान,छत्तीसगढ़,जम्मू और कश्मीर, झारखंड की ओर से स्टॉल्स भी लगाए गए. जिनमें खाद्य,पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की प्रभावशाली प्रदर्शनी प्रस्तुत की गई. ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने स्टॉल्स का भ्रमण कर प्रतिभागियों से उनके नवाचारों और प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी ली. कार्यक्रम में झारखंड में उत्कृष्ट कार्य कर रही सेतु दीदियों को मोमेंटो और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस कार्यशाला में ग्रामीण विकास मंत्रालय की उप सचिव डॉ मोनिका, अनन्य मित्तल,सीईओ.जेएसएलपीएस, झारखण्ड सरकार सहित कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही.






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