top of page

महंगी हुई शराब... थोड़ी-थोड़ी पिया करो..... झारखंड में नई उत्पाद नीति व टैक्स स्लैब के कारण महंगी होने वाली है शराब

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Jul 23
  • 2 min read

ree

उपेंद्र गुप्ता


रांची  ( RANCHI ) :  “ हुई महँगी बहुत ही शराब, के थोड़ी थोड़ी पिया करो, पियो लेकिन रखो हिसाब के थोड़ी थोड़ी पिया करो.....”  मयखाना किंग माने जाने वाले गजल सम्राट पंकज उदास का यह  गजल अपने दौर में बहुत ही लोकप्रिय हुआ था, शायद पंकज उदास ने यह तब गाया होगा, जब उस दौर में शराब महंगी हुई होगी. लेकिन यह गजल आज भी उतना ही प्रसांगिक है, जितना उस दौर में रहा होगा. जी हां.. अपने झारखंड राज्य में भी जल्द ही शराब महंगी हो सकती है. इसलिए हम आपको यह गजल याद करा रहे हैं, बाकि आपकी मर्जी ......  

1 सिंतबर से नई उत्पाद नीति होगा लागू

राज्य में एक सितंबर से नई उत्पाद नीति के तहत निजी हाथों से शराब की खुदरा बिक्री शुरू होनी है. 26 जुलाई से आठ अगस्त तक पूरे राज्य में लाटरी से शराब दुकानों का आवंटन होना है. नई उत्पाद नीति और टैक्स स्लैब के कारण शराब की कीमतों में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है, जिससे झारखंड में शराब की कीमतें पश्चिम बंगाल की तुलना में अधिक हो सकती हैं.

7 माह में 2402 करोड़ राजस्व का लक्ष्य

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सभागार में मंगलवार को आयुक्त उत्पाद रवि शंकर शुक्ला की अध्यक्षता में झारखंड और अन्य राज्यों के शराब कारोबारियों की बैठक हुई. इस बैठक में एक सितंबर से निजी हाथों में जाने वाली शराब की खुदरा बिक्री से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा हुई. कारोबारियों ने सात महीनों के लिए निर्धारित 2402 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य पर चिंता व्यक्त की.


ree

1600 दुकानें आबंटित करने की योजना

वर्तमान में राज्य में 1453 दुकानें संचालित हो रही हैं, जिनका संचालन झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से हो रहा है. नई व्यवस्था को लेकर अधिसूचना पूर्व में जारी हुई थी. आठ अगस्त तक लाटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन भी हो जाना है. नई व्यवस्था के तहत पूरे राज्य में करीब 1600 खुदरा दुकानों का संचालन होना है. इसकी तैयारी चल रही है. निजी दुकानदारों के माध्यम से ही खुदरा दुकानों का संचालन होना है. इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने जिलावार राजस्व लक्ष्य भी दे दिया है, जिसके अनुरूप प्रत्येक दुकानों के लिए राजस्व लक्ष्य तय किया जाना है.

एक दुकान के लिए 2 लाख की डिमांड कर रहे बिचौलिए

नई उत्पाद नीति शुरू होने के पहले ही बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं. बिचौलिए शराब कारोबारियों से उनकी मनचाही दुकान लाटरी में निकलवाने के एवज में पहले दो लाख रुपये प्रति दुकान की मांग कर रहे हैं. दुकान निकलने के बाद उक्त दुकानदार को पांच लाख रुपये और देने होंगे. यानी एक दुकान के लिए एक दुकानदार को कुल सात लाख रुपये देने होंगे.

बिचौलियों के जाल में ना फंसे कारोबारी

झारखंड शराब व्यापारी संघ ने राज्य के शराब व्यापारियों से अपील की है कि वे बिचौलियों के चक्कर में न पड़ें. बिचौलिए ठगी करेंगे, दुकान नहीं दिलवा सकते हैं. लाटरी एनआइसी के माध्यम से निकलेगा.

 

 

Comments


bottom of page