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अटल जन्म शताब्दी वर्ष शुरू, परमाणु परीक्षण और कारगिल जीत के लिए हमेशा याद करेगा देश – मरांडी

  • Writer: Jay Kumar
    Jay Kumar
  • Dec 25, 2024
  • 2 min read


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TVT NEWS DESK

रांची ( RANCHI ) :   25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत हुई. भाजपा ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में प्रदेश में मनाया. राज्य के सभी बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने  श्रद्धेय अटल जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में  अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने किया. इसके पूर्व विधानसभा परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी जी की आदमकद प्रतिमा पर प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी,क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह सहित प्रदेश के नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

प्रदेश के सभी जिलों में अटल जी के संबंध में गोष्ठी आयोजित की गई. जिसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया. रांची महानगर भाजपा द्वारा अटल वेंडर मार्केट,रांची में आयोजित विचार गोष्ठी को प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संबोधित किया.

 


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13 दिन, 13 महीने और साढ़े चार साल के कार्यकाल को सदा याद करेगा देश – मरांडी

श्री मरांडी ने कहा कि पहले 13 दिन,फिर 13 महीने फिर साढ़े चार सालों तक प्रधानमंत्री के रूप में श्रद्धेय अटल जी ने विकसित भारत,स्वाभिमानी भारत, दुनियां का सिरमौर भारत भारत बनाने केलिए हर संभव कोशिश की. उन्होंने कहा कि पहली बार गांव,गरीब , किसान को विकास की मुख्यंधारा से जोड़ने की दिशा में सार्थक पहल अटल जी की सरकार ने किया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देश में नई क्रांति का सूत्रपात किया। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना हो,या सर्व शिक्षा अभियान,किसान क्रेडिट कार्ड हो या फिर नदी जोड़ो अभियान सभी योजनाओं ने आम आदमी तक विकास की किरणों को पहुंचाया.


परमाणु परीक्षण और कारगिल जीत भी सदैव याद करेगा देश

कहा कि अटल जी ने विश्व की महाशक्तियों के आगे घुटने नहीं टेकते हुए पोखरण परीक्षण किया साथ ही दुनिया को यह भरोसा दिया कि परमाणु बम का प्रयोग भारत कभी पहले नहीं करेगा. यह केवल आत्मरक्षार्थ है.पड़ोसी पाकिस्तान से मधुर संबंध बनाने की दिशा में उन्होंने लाहौर तक बस से यात्रा की लेकिन कारगिल में दुश्मन के धोखे को मुहतोड़ जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि यूएनओ में पहली बार हिंदी में भाषण देकर अटल जी ने राष्ट्र भाषा का विश्व पटल पर महिमा मंडन किया।

 

 

 

 

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